जब किसी भौतिक राषि का मापन किया जाता है तो इसके मापन मे कुछ अनिष्चित रह जाता है। इस अनिष्चिता के मान का अन्तर त्रुटि कहलाती है।
त्रुटि मुख्यतः तीन प्रकार की होती है।
1 क्रमबद्ध त्रुटि 2 यादृच्छिक त्रुटि 3 स्थूल त्रुटि
1. क्रमबद्ध त्रुटि:- किसी भौतिक राषि के मापन मे वे त्रुटिया जिनके बीच का अन्तराल निष्चित होता है। अथवा जव किसी त्रुटि का मान एक निष्चित अन्तराल के बाद
पुनरावृति हो तो क्रमबद्ध त्रुटिया कहते है। यह पाॅच प्रकार की होती है।
1(A) व्यक्तिगत त्रुटि:- वे त्रुटिया जो व्यक्ति की कमी के कारण उत्पन्न होती है। अथवा किसी प्रयोग के दोरान व्यक्ति जो त्रुटिया करता है। उसे व्यक्तिगत त्रुटि कहते है।
इसे दूर करने के लिए हमे सम्पूर्ण सावधानी रखनी चाहिए ।
1(B) पूर्णयास्थ त्रुटि:- वे त्रुटिया जो किसी प्रयोग के दौरान निष्चित रूप से उत्पन्न होती है। पूर्णयास्थ त्रुटि कहते है।
इसे दूर करने के लिए हमे सामान्य ताप दाब एंव पदार्थ की भौतिक अवस्थाओ को ध्यान मे रखकर प्रयोग करने चाहिए।
1(C) यात्रिंक त्रुटि:- वे त्रुटि जो किसी प्रयोग के दौरान यंत्र की अपूर्णता के कारण उत्पन्न होती है। यात्रिंक त्रुटि कहलाती है। इस प्रकार की त्रुटि को दूर करने के लिए सही
उपकरणो का प्रयोग करना चाहिए ।
1(D) निश्चित त्रुटि:- वे त्रुटिया जो किसी प्रयोग के दौरान नियमित अन्तराल के बाद उत्पन्न होती है। निष्चित त्रुटि कहलाती है।
1(E) अनिष्चित त्रुटि:- वे त्रुटिया जो किसी प्रयोग के दौरन अनिष्चित अंतराल के बाद उत्पन्न होती है अनिष्चित त्रुटि कहलाती है।
2. यादृच्छिक त्रुटि:- इस प्रकार की त्रुटि का प्रयोग के दौरान आकस्मिक अचानक तथा यादृच्छिक रूप से उत्पन्न होती हैं । ये त्रुटिया यादृच्छिक त्रुटिया कहलाती है।
माना किसी भौतिक राषि के मापन मे q1, q2, q3, q4, q5 प्रेक्षण लिए जाते है। तो इन प्रेक्षण का माध्य मान Am ही भौतिक राषि का वास्तविक मान कहलाता है।
माध्यमान = q1+q2+q3+q4+q5 / 5
3 स्थूल त्रुटिया:- वे त्रुटिया जो प्रयोग के दौरान स्थूलता के कारण उत्पन्न होती है। स्थूल त्रुटिया कहलाती है। ये निम्न कारणो से होती है।
- व्यक्ति की या प्रेक्षक की अपूर्णता के कारण,
- उपकरणो के गलत सयोजन के कारण,
- उपकरण के गलत परिपथ सयोजन के कारण,
- गणना करते समय उत्पन्न त्रुटि,
- पाठयांक लिखते समय उत्पन्न त्रुटि,