भौतिक राषि:-प्रकृति मे जो कुछ हमे दिखाता है। जिसे हम छू सकते है। जिसे हम महसूस कर सकते है। अथवा वे राषियाॅ वस्तुए जिन्है मापा या तौला जा सकता है भौतिक
राशिया कहलाती है। ये दो प्रकार की होती है।
मूल भौतिक राषि:- वे राषिया जिन्है व्यक्त करने के लिए किसी अन्य भौतिक राषि की आवष्यकता नही होती है मूल राषिया कहलाती है।
क्रम संख्या | राशि | मात्रक | प्रतीक |
1. | द्रव्यमान | किलाग्राम | kg |
2. | लम्बाई | मीटर | M |
3. | समय | सैकेण्ड | S/sec |
4. | विद्युत धारा | एम्पीयर | A |
5. | ताप | केल्विन | K |
6. | पदार्थ की मात्रा | मोल | Mol |
7. | ज्योति तीव्रता | केण्डेला | Cd |
पूरक मात्रक:- वे भौतिक मात्रक जिन्है व्यक्त करने के लिए किसी अन्य भौतिक राषि की आवष्यकता नही होती एंव मूल मात्रको के समतुल्य हो। पूरक मात्रक कहलाते है।
1. कोण= 2. घन कोण=
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व्युत्पन्न राषि:-
वे भातिक राष्यिाॅ जिन्है व्यक्त करने के लिए मूल भौतिक राषि की आवष्यकता होती है। व्युत्पन्न राषियाॅ कहलाती है।
वेग, चाल, तवरण, कार्य, शक्ति, संवेग, बलाघूर्ण, आदि |
लम्बाई का मापन:- 10-3 मी से 10-1 मी तक की लम्बाई का मापन निम्न के द्वारा की जाती है
1.स्फेरोमीटर
2. वर्नियर कैलिपर्स
3. स्क्रू -गेज
1 मी से 104 मी तक की लम्बाई का मापन निम्न के द्वारा की जाती है
स्केल
फीता
इंचटेप
वृहत दूरियो का मापन:–
खगोलीय मात्रक:- पृथ्वी के केन्द्र से सूर्य के केन्द्र की बीच की दूरी खगोलीय मात्रक कहलाती है
1 AU=1.496*1011 मी
1 AU= 1.5*1011 मी
प्रकाश वर्ष:- निर्वात मे सूर्य की तरग द्वारा एक वर्ष मे चली गई दूरी प्रकाष वर्ष कहलाता है।
1 प्रकाश वर्ष = 3*108 * 365*24*60*60= 9.1*1015 मी
पारसेक:- यह लम्बाई दूरी का सबसे बडा मात्रक है। यह सूर्य के चारो और चक्कर लगाते समय पृथ्वी द्वारा एक आर्क कोण मे चली गई दूरी होती है।
1 पारसेक = 3*1016 मी
लंबन विधि:- वृहत दूरीयो को ज्ञात करने के लिए लंबन विधि का उपयोग किया जाता है इस विधि के अन्र्तगत हम एक पेन्सिल को अपनी आखे के सामने रखकर बाॅयी आखे को बन्द करके दायी आखे से उस वस्तु को देखते है। इसके बाद मे फिर दायी आखे को बन्द करके वायी आखे से उस वस्तु को देखते है । तो हम पाते है कि वस्तु की स्थिति मे कोण का परिवर्तन होता है इस परिवर्तन कोण को लंबन कोण कहते है। तथा इस विधि को लंबन विधि इ कहते है।